बाल विवाह उस वक्त होता है जब किसी लड़की की उम्र 18 साल से कम हो या लड़के की उम्र 21 साल से कम रहते हुए शादी कर दी जाती है। यह सिर्फ एक सांस्कृतिक या पारिवारिक मामला नहीं, बल्कि बच्चे के स्वास्थ्य, पढ़ाई और भविष्य पर सीधा असर डालता है।
भारत में "Prohibition of Child Marriage Act, 2006" के तहत बाल विवाह अवैध है। अगर परिवार या समाज किसी बच्चे की शादी कराने की कोशिश कर रहा है तो आप कानूनी और सामाजिक दोनों तरीके अपनाकर रोक सकते हैं।
तुरंत करने योग्य कदम
अगर आप किसी संभावित या हो चुकी बाल विवाह की जानकारी पाते हैं तो कुछ काम तुरंत करिए: सबसे पहले लोकल पुलिस को सूचित करें या 1098 (Childline) पर कॉल करें। 1098 बच्चों की आपात मदद के लिए है और वे तुरंत कार्रवाई में मदद करते हैं।
दूसरा, पास के स्कूल, आंगनवाड़ी या सोशल वर्कर को बताइए ताकि बच्चे का रिकॉर्ड और समर्थन मिल सके। तीसरा, यदि संभव हो तो विवाह के सबूत (तिथी, फोटो, मेहमानों की सूची) सुरक्षित रखें — इससे बाद में शिकायत दर्ज करवाना आसान होता है।
चौथा, स्थानीय महिला विकास अधिकारी, पंचायत सदस्य या किसी भरोसेमंद NGO से संपर्क करें। वे अदालत में याचिका दाखिल कराने, बच्चा और परिवार को अस्थायी सुरक्षा देने तथा पुनर्वास में मदद करते हैं।
कानूनी बिंदु और आगे क्या होता है
कानून के मुताबिक, बाल विवाह कराने, बढ़ावा देने या उसमें सहायता करने वाले पर जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है। जो बाल विवाह हुए हैं, वे वयस्क होने पर अदालत से शादी रद्द करवा सकते हैं। अगर बच्चा अभी नाबालिग है तो अभिभावक की अनुमति से भी कानूनी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
सैकड़ों स्थानीय NGOs और सरकारी योजनाएँ शिक्षा और सामुदायिक जागरूकता पर काम कर रही हैं। आपको सलाह है कि मामले में जल्द कार्रवाई के साथ बच्चे की पढ़ाई और मानसिक सहायता का भी ध्यान रखें — केवल शादी रोकना ही काफी नहीं।
अगर आप मदद चाहते हैं तो किन्हीं तीन बातों पर ध्यान दें: कोई भी कार्रवाई करते समय बच्चे की सुरक्षा पहले रखें, सबूत इकट्ठा कर लें, और सरकारी/सामाजिक संस्थाओं से सहयोग लें।
बाल विवाह रोकना तभी सफल होगा जब परिवार, स्कूल और पड़ोसी मिलकर बच्चे की पढ़ाई और भविष्य पर ध्यान दें। अगर आप किसी मामले के संबंध में सलाह चाहते हैं तो 1098, लोकल पुलिस या किसी भरोसेमंद NGO से तुरंत संपर्क करें।
रोजगार समाचार पर हम ऐसे सामाजिक मुद्दों की जानकारी देते हैं ताकि आप समय पर कदम उठा सकें और बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
हालांकि भारत में पिता-माता के विवाह और शादी की परंपरा अत्यधिक रूप से अभी भी अस्त है, लेकिन अभी भी अनेक लोग अपने विवाहों को बर्बाद करने के लिए तैयार हैं। भारतीय समाज में अनेक कारणों से विवाह होने पर अनुमति नहीं है जैसे कि रिश्तों का विवाह, किसी आदमी या महिला के आय और स्थिति, वैवाहिक अनुभव और बाल विवाह आदि। यह समस्या चर्चा को लेकर आरंभ कर दी गई है और लोगों को अपने विवाहों को बर्बाद करने से रोकने के लिए कुछ अच्छे कदम उठाने की आवश्यकता है।