जब बात बिहार मौसम की आती है, तो यह बिहार राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में दैनिक तापमान, वर्षा और हवा की स्थिति को दर्शाता है. अक्सर इसे बिहार के मौसम कहा जाता है, जो किसानों, यात्रियों और स्वास्थ्य प्रेमियों के लिए जरूरी जानकारी प्रदान करता है.
बिहार मौसम को समझने में सबसे बड़ा विषय है मानसून, गर्मियों के बाद जून‑अक्टूबर में बरसाती हवा की लहरें लाता है. मानसून के बिना खेती का सैंसिल नहीं चल पाता; इसलिए बिहार मौसम पूर्वानुमान, सटीक बारिश की मात्रा और समय बताता है किसानों के निर्णय‑लेने का जुड़ाव बन जाता है. यही कारण है कि मौसम विज्ञानियों की डेटा‑एनालिसिस, हवामान मॉडल और रडार इमेजिंग बिहार मौसम में बरसात का मौसम मानसून से प्रभावित होता है को प्रमाणित करती है.
बिहार में मौसम की मुख्य विशेषताएं
भौगोलिक रूप से बिहार प्लेनेटरी बेसिन में स्थित है, इसलिए यहाँ तापमान, गर्मियों में 40°C तक पहुँचता है और सर्दियों में 5‑10°C तक गिरता है. गर्मी के महीने में तेज धूप और कम नमी रहने से पसीना और थकावट बढ़ती है, जबकि सर्दियों में हवा ठंडी और अक्सर धुंधली रहती है. साल भर का औसत वार्षिक वर्षा लगभग 1100 mm है, परन्तु मई‑जून में हल्की बौछार और जुलाई‑अक्टूबर में भारी बारिश राज्य के जलस्रोतों को भर देती है. यही कारण है कि बिहार जलवायु को समझना प्रतिदिन की योजना बनाने में मददगार है.
एक और महत्वपूर्ण पहलू है हवा की दिशा, पश्चिमी तरंगों से आती है और कभी‑कभी दक्षिण‑पूर्वी बयार लेकर आती है. जब धुंध और ठंडी बायें मिलती हैं, तो स्वास्थ्य‑संबंधी समस्याएं जैसे सर्दी और एलर्जी बढ़ जाती हैं. सही समय पर मौसम की जानकारी रखने वाले लोग अपने कपड़े, यात्रा और व्यायाम को अनुकूलित कर लेते हैं, जिससे उनका दैनिक जीवन सुगम हो जाता है.
बिहार में मौसम का प्रभाव सिर्फ व्यक्तिगत जीवन तक सीमित नहीं है; यह बुनियादी ढाँचे, जल प्रबंधन और आपदा तैयारी से भी जुड़ा है. जब सही मौसम जानकारी किसानों को फसल चयन में मदद करती है, तो जलभरण, सिंचाई और फसल‑दुर्घटनाओं का जोखिम घट जाता है. इसी तरह, नगर नियोजन में बारिश के पैटर्न को देख कर जल निकासी प्रणाली, पुल और सड़कों का निर्माण किया जाता है, जिससे बाढ़‑आघात कम होता है. यह सब इस बात का प्रमाण है कि बिहार मौसम पूर्वानुमान सटीकता के लिए मौसम विज्ञानियों की डेटा विश्लेषण पर निर्भर करता है.
अगर आप यात्रा की योजना बना रहे हैं तो बिहार मौसम की ताजी स्थिति देखना जरूरी है. गर्मियों में घाटी और नदियों के किनारे थोड़ी देर के लिए ठंडक मिलती है, जबकि मानसून में जल स्तर बढ़ जाता है, जिससे नाव‑सफ़र और हाइकिंग चुनौतियों भरा हो जाता है. स्थानीय लोग अक्सर सुबह‑संध्या के समय आउटडोर एक्टिविटी करते हैं, क्योंकि उस समय के तापमान और हवा सबसे आरामदायक होते हैं.
आख़िर में, यह कहा जा सकता है कि बिहार मौसम का एक जटिल परिदृश्य है, जहाँ तापमान, वर्षा, हवा की दिशा और मानसून आपस में बुने हुए हैं. इस परिचय के बाद आप नीचे वाले लेखों में कई विशिष्ट रिपोर्ट, दैनिक अपडेट और भविष्य के पूर्वानुमान पाएँगे, जो आपके काम‑काज को आसान बनायेंगे. चलिए, अब इन लेखों को देखते हैं और देखें कि आज के मौसम में आपका दिन कैसे बेहतर बन सकता है.
22 सितंबर 2025 को भारतीय मौसम विभाग ने दिल्ली में 36 °C की गर्मी, बिहार के मुख्य जिलों में बादल‑छाया और बारिश‑की‑संभावना‑कम बताई। मोनसून धीरे‑धीरे समाप्त हो रहा है।